Wheat Varieties: गेहूं की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म 1 एकड़ में 22-25 क्विंटल उत्पादन जानें सम्पूर्ण जानकारी।
कृषि ब्लॉग: फसल समस्या समाधान | Agriculture Blog in Hindi
गेहूं (Triticum aestivum) एक प्रमुख अनाज फसल है जो विश्वभर में खाद्य सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में, गेहूं की खेती मुख्य रूप से रबी मौसम में की जाती है, और यह हमारे देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय किसान गेहूं की विभिन्न किस्मों को उगाते हैं, (Wheat Varieties Information in Hindi) जो विभिन्न जलवायु, मिट्टी और कृषि प्रथाओं के अनुरूप होती हैं।
Farmer Phone Company (FarmerPhone.Com) माध्यम से इस ब्लॉग में, हम गेहूं की विभिन्न किस्मों, (Best Wheat Varieties in India) उनकी विशेषताओं, बुवाई का समय, उत्पादन क्षमता और उन राज्यों के बारे में चर्चा करेंगे जहां इनकी खेती सबसे अधिक होती है।
टॉप 10 गेहूं की किस्म और सम्पूर्ण जानकारी (Top 10 Best Wheat Variety in India)
गेहूं की विभिन्न किस्में भारत में किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उच्च उत्पादकता और अच्छी गुणवत्ता वाली किस्मों का चयन करके, किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। उचित बुवाई समय, जलवायु, और मिट्टी की गुणवत्ता के साथ-साथ सही किस्म का चयन करना आवश्यक है भारत मे उच्च उत्पादन देने वाली गेहूं की किस्म निम्न है –
सिजेंटा SW-26 गेहूं की किस्म (Syngenta SW-26 Wheat Variety)
सिजेंटा SW-26 गेहूं एक विशेष रिसर्च किस्म है, जिसकी लंबाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक होती है। इसके दाने चमकदार और मोटे होते हैं। यह किस्म उच्च तापमान और सूखे को सहन करने में सक्षम है और इसे सिंचित क्षेत्रों में सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं।
अजीत 102 हाइब्रिड गेहूं की किस्म (Ajeet 102 Hybrid Wheat Variety)
अजीत 102 हाइब्रिड गेहूं की बीज किस्म 100-102 दिनों में परिपक्व होती है। इसकी ऊचाई 80-90 सेमी होती है और इसका अनाज आकर्षक एम्बर रंग का होता है। यह कीटों के प्रति सहनशील है और इसकी उपज क्षमता 50-55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है।
महिको गोल हाइब्रिड गेंहू किस्म (Mahyco TL GOAL Wheat)
गेहूं की गोल हाइब्रिड किस्म 130-135 दिनों में परिपक्व होती है। इसके पौधे की ऊचाई 98-105 सेमी होती है, और यह प्रचुर मात्रा में कल्ले निकालती है। इसके लंबे स्पाइक एम्बर रंग के दानों के साथ होते हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। यह रस्ट रोग के प्रति सहनशील है और इसके दाने चपाती बनाने के लिए आदर्श हैं।
श्रीराम सुपर 252 गेहूं की किस्म (Shriram Super 252 Wheat Variety)
श्रीराम सुपर 252 गेहूं उच्च अनुकूलनशीलता और कल्ले फूटने की क्षमता के साथ आती है। इसमें बड़े और सुनहरे दाने होते हैं, और यह मजबूत कल्लों के कारण गिरने की समस्या से मुक्त है। यह गेहूं क्षेत्र में पसंदीदा बीज बन गई है।
श्रीराम सुपर 303 गेहूं की किस्म (Shriram Super 303 Wheat Variety)
श्रीराम सुपर 303 गेहूं भूरे रतुआ रोग और पत्तियों पर धब्बे के प्रति सहनशील है। इसकी बुआई की गहराई 5 सेमी होती है, और यह मजबूत कल्ले के साथ है। इसकी बुआई रबी में होती है, और यह ड्रिलिंग विधि से की जाती है, जिसमें दानों की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है।
महिको MWL 6655 गेहूं की किस्म (Mahyco MWL 6655 Wheat Variety)
गेहूं MWL 6655 एक उत्कृष्ट किस्म है, जिसकी परिपक्वता 125-130 दिनों में होती है। इसके एम्बर रंग के दाने मध्यम बोल्ड होते हैं और इसकी कम बीज दर अधिक चारा प्रदान करती है। अधिक कल्ले और बीज संख्या इसे अधिक उपज देने में मदद करती है। यह जंग रोग के प्रति सहनशील है और चपाती के लिए स्वादिष्ट है।
अजीत 109 हाइब्रिड गेहूं की किस्म (Ajeet 109 Hybrid Wheat Variety)
अजीत 109 हाइब्रिड गेहूं की बीज किस्म 105-110 दिनों में परिपक्व होती है। इसकी ऊचाई 90-100 सेमी होती है, और इसका अनाज एम्बर रंग का और मध्यम बोल्ड होता है। यह उपज क्षमता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुँच सकती है और नमी और तनाव के प्रति सहनशील है।
श्रीराम सुपर 111 गेहूं की किस्म (Shriram Super 111 Wheat Variety)
श्रीराम सुपर 111 गेहूं एक उत्कृष्ट किस्म है, जो भूरे रतुआ रोग के प्रति अत्यधिक सहनशील है। इसके दाने आकर्षक, चमकदार और बोल्ड होते हैं, जिनका वजन प्रति 1000 दानों में 52 ग्राम होता है। इसकी टर्मिनल ताप सहिष्णुता इसे जल्दी और देर से बुआई के लिए उपयुक्त बनाती है।
महिको मुकुट प्लस गेंहू की किस्म (Mukut Plus MWL 6278 Wheat Variety)
गेहूं की मुकुट प्लस (MWL 6278) एक प्रमुख किस्म है, जो 125-130 दिनों में परिपक्व होती है। इसकी विशेषता है कि यह अधिक कल्ले उत्पन्न करती है और इसके पुष्पगुच्छ मोटे और लंबे होते हैं, जो इसे अन्य किस्मों से अलग बनाते हैं। इसके चमकदार बीज स्वादिष्ट चपाती बनाने में सहायक होते हैं। यह किस्म रोगों के प्रति प्रतिरोधी और उच्च उपज देने वाली है।
गेंहू की उन्नत किस्मों की जानकारी (High yielding Improved Varieties of Wheat in India)
किस्म का नाम | बुवाई का समय | प्रति एकड़ उत्पादन | किस्म की विशेषताएँ | उपयुक्त राज्य |
शरबती गेहूं | अक्टूबर से नवंबर | 22-25 क्विंटल प्रति एकड़ | स्वाद और उच्च पोषण मूल्य, सूखे और गर्म जलवायु के प्रति सबसे अच्छी किस्म। | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा |
लोकवान गेहूं | नवंबर से दिसंबर | 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ | रोग प्रतिरोधी, मोटे दाने, खाद्य उपयोग में सामान्य किस्म। | महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश |
सोना मोती गेहूं | नवंबर से दिसंबर | 22-24 क्विंटल प्रति एकड़ | गेंहू का सुनहरा रंग, मोटे दाने, बाजार में उच्च मांग वाली किस्म। | उत्तर प्रदेश, हरियाणा |
बंसी गेहूं | अक्टूबर से नवंबर | 18-20 क्विंटल प्रति एकड़ | उत्तर भारत में प्रसिद्ध, मुलायम दाने वाले किस्म। | उत्तर प्रदेश, बिहार |
DBW 187 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 25-28 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधी, सूखा सहिष्णु किस्म। | पंजाब, हरियाणा |
DBW 303 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 22-25 क्विंटल प्रति एकड़ | जल्दी पकने वाली, उच्च गुणवत्ता और ज्यादा उत्पादन देने वाली किस्म। | उत्तर प्रदेश, पंजाब |
1124 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ | रोगों के प्रतिरोधक क्षमता वाली किस्म | हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
1270 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 24-26 क्विंटल प्रति एकड़ | बड़ा दाना, वजन अधिक और ज्यादा उत्पादन | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
1482 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 23-25 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च गुणवत्ता, रोटी और चपाती के लिए बेस्ट किस्म। | उत्तर प्रदेश, पंजाब |
1544 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 21-23 क्विंटल प्रति एकड़ | अच्छी तापमान सहिष्णुता वाली किस्म। | हरियाणा, राजस्थान |
187 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ | आमतौर पर सूखा सहिष्णु किस्म। | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
222 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 22-24 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च दाने की गुणवत्ता वाली किस्म। | हरियाणा, पंजाब |
2851 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 25-27 क्विंटल प्रति एकड़ | अत्यधिक रोग प्रतिरोधी किस्म। | उत्तर प्रदेश, हरियाणा |
2967 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 22-24 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च पोषण क्षमता वाली किस्म। | उत्तर प्रदेश, पंजाब |
303 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 21-23 क्विंटल प्रति एकड़ | अच्छे आकार की दाने और उत्पादन वाली किस्म। | हरियाणा, पंजाब |
3086 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च तापमान सहिष्णुता वाली किस्म। | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
322 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 23-25 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च प्रोटीन कंटेन्ट वाली किस्म। | हरियाणा, पंजाब |
343 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 22-24 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च उत्पादन देने वाली किस्म। | उत्तर प्रदेश, हरियाणा |
4037 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 21-23 क्विंटल प्रति एकड़ | जल्दी पकने वाली किस्म। | उत्तर प्रदेश, पंजाब |
502 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 24-26 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च गुणवत्ता, चपाती और रोटी के लिए बेस्ट किस्म। | हरियाणा, पंजाब |
711 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 22-24 क्विंटल प्रति एकड़ | सूखा सहिष्णु वाली किस्म। | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
8713 गेहूं की किस्म | अक्टूबर से नवंबर | 21-23 क्विंटल प्रति एकड़ | उच्च और वजनदार दाने वाली किस्म। | हरियाणा, पंजाब |
8759 गेहूं की किस्म | नवंबर से दिसंबर | 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ | आमतौर पर रोग प्रतिरोधी किस्म। | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
सारांश
भारत में गेहूं की विभिन्न उच्च पैदावार देने वाली किस्में उपलब्ध हैं, जो किसानों के लिए आय का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। सही किस्म का चयन, बुवाई का समय और खेती की अच्छी तकनीकें अपनाकर किसान 1 एकड़ में 22-25 क्विंटल गेहूं का उत्पादन कर सकते हैं। किसानों को चाहिए कि वे अपनी ज़मीन और जलवायु के अनुसार उचित किस्म का चयन करें और अच्छी कृषि तकनीकों का पालन करें ताकि वे अधिकतम लाभ उठा सकें।
गेहूं की किस्मों का चयन करते समय, किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त किस्म का चयन करें। इसके लिए मिट्टी की जांच, जलवायु के अनुसार निर्णय और सही बुवाई का समय जानना आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: गेहूं की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म कौन सी है?
उत्तर: गेहूं की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म DBW 187 है, जो 25-28 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देती है।
प्रश्न: एक एकड़ में गेहूं की औसत उपज कितनी होती है?
उत्तर: एक एकड़ में गेहूं की औसत उपज 22-25 क्विंटल होती है।
प्रश्न: गेहूं की फसल में किस प्रकार की खाद का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: गेहूं की फसल में संतुलित नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश खाद का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न: गेहूं की फसल को कितनी बार पानी देना चाहिए?
उत्तर: गेहूं की फसल को सामान्यतः 4-5 बार पानी देना चाहिए, मौसम और मिट्टी की स्थिति के अनुसार।
प्रश्न: सबसे ज्यादा गेहूं की खेती किस राज्य मे की जाती है?
उत्तर: गेहूं की फसल के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सबसे उपयुक्त राज्य हैं।
प्रश्न: सर्वाधिक पैदावार देने वाली गेहूं की किस्म कौन सी है?
उत्तर: DBW 187 और DBW 303 सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्में हैं।
प्रश्न: सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली गेहूं कौन सी है?
उत्तर: DBW 187 गेहूं की किस्म प्रति एकड़ 25-28 क्विंटल उत्पादन देती है।
प्रश्न: गेहूं की सबसे उत्तम वैरायटी कौन सी है?
उत्तर: महिको मुकुट प्लस (MWL 6278) गेहूं की किस्म उच्च उपज देने वाली और रोगों के प्रति प्रतिरोधी है।
प्रश्न: गेहूँ का सबसे अच्छा बीज कौन सा है?
उत्तर: सिजेंटा SW-26 गेहूं की किस्म उच्च तापमान और सूखे को सहन कर सकती है।
प्रश्न: हाइब्रिड गेहूं कौन सा है?
उत्तर: अजीत 102 और अजीत 109 हाइब्रिड गेहूं की किस्में हैं, जो उच्च उपज क्षमता रखती हैं।
प्रश्न: कम पानी वाली गेहूं की किस्म कौन सी है?
उत्तर: DBW 187 गेहूं की किस्म सूखा सहिष्णु है और कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है।
प्रश्न: गेहूं की नई किस्में कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: नई किस्मों में श्रीराम सुपर 303, महिको MWL 6655, और अजीत 109 शामिल हैं।
प्रश्न: सबसे ज्यादा पैदावार गेहूं कौन सा है?
उत्तर: DBW 187 गेहूं की किस्म प्रति एकड़ 25-28 क्विंटल तक उत्पादन देती है।
प्रश्न: सबसे अच्छी गेहूं की वैरायटी कौन सी है?
उत्तर: श्रीराम सुपर 111 गेहूं की वैरायटी भूरे रतुआ रोग के प्रति सहनशील है और इसकी दाने आकर्षक हैं।
प्रश्न: मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली गेहूं कौन सी है?
उत्तर: DBW 303 गेहूं की किस्म मध्य प्रदेश में 22-25 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देती है।
प्रश्न: 303 गेहूं की पैदावार कितनी होती है?
उत्तर: DBW 303 गेहूं की किस्म 22-25 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देती है।
प्रश्न: श्रीराम गेहूं की वैरायटी?
उत्तर: श्रीराम सुपर 252 और श्रीराम सुपर 303 गेहूं की वैरायटी प्रसिद्ध हैं, जो उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता रखती हैं।