Best Garlic Fertilizer Schedule: लहसुन की फसल में खाद और उर्वरक प्रबंधन
कृषि ब्लॉग: फसल समस्या समाधान | Agriculture Blog in Hindi
लहसुन में खाद और उर्वरक प्रबंधन की सम्पूर्ण जानकारी (Best Garlic Fertilizer Schedule) लहसुन के लिए जैविक खाद, लहसुन में एनपीके खाद की मात्रा।
भारत में लहसुन की खेती एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। यह एक मसालेदार फसल है, जो न केवल हमारे भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती है, बल्कि इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। लहसुन की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए सही समय पर खाद और उर्वरकों का उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। उचित खाद और उर्वरक प्रबंधन से न केवल पैदावार में वृद्धि होती है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
Farmer Phone Company (FarmerPhone.Com) के माध्यम से इस ब्लॉग में हम लहसुन की फसल में खाद और उर्वरक प्रबंधन की सम्पूर्ण जानकारी देंगे (Best Garlic Fertilizer Schedule) जिसमें बेसल डोज, दूसरे और तीसरे चरण का खाद, और लास्ट स्टेज पर खाद का उपयोग शामिल होगा।
लहसुन का बेसल डोज खाद प्रबंधन (Garlic Fertilizer Basal Dose Information in Hindi)
लहसुन की फसल में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बेसल डोज का सही प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। बेसल डोज का मतलब है कि फसल बोने से पहले खेत की मिट्टी में आवश्यक खाद और उर्वरक डालना। इसमें जैविक खाद (गोबर की खाद) और रासायनिक उर्वरक का सही संतुलन आवश्यक होता है।
लहसुन में जैविक खाद, ऑर्गेनिक खाद (Organic Fertilizer for Garlic Crop)
लहसुन की फसल में प्रति एकड़ 8-10 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद का उपयोग किया जा सकता है। यह मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करती है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। जैविक खाद का उपयोग मिट्टी की संरचना में सुधार करता है और जल धारण क्षमता को भी बढ़ाता है।
लहसुन की बुवाई के समय खाद (Basal Dose Garlic Fertilizer for Plants)
- नाइट्रोजन (N): नाइट्रोजन पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक है, लेकिन इसे कम मात्रा में देना चाहिए। लहसुन की फसल के लिए प्रति एकड़ लगभग 80-100 किग्रा नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है, जिसका आधा भाग बेसल डोज में दिया जा सकता है।
- फॉस्फोरस (P): लहसुन की जड़ वृद्धि और कंदों के विकास के लिए फॉस्फोरस अत्यंत आवश्यक है। प्रति एकड़ लगभग 40-50 किग्रा फॉस्फोरस दिया जाता है ( (DAP या SSP के रूप में)।
- पोटाश (K): पोटाश लहसुन की फसल के कंदों की गुणवत्ता और आकार को बढ़ाने में मदद करता है। प्रति एकड़ लगभग 40-50 किग्रा पोटाश का उपयोग किया जा सकता है।
- जिंक और सल्फर का उपयोग: लहसुन की फसल में सल्फर और जिंक का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। सल्फर लहसुन के स्वाद और सुगंध को बढ़ाता है, जबकि जिंक पौधों के विकास में सहायक होता है। प्रति एकड़ 10-15 किग्रा सल्फर और 2-3 किग्रा जिंक सल्फेट का उपयोग किया जाता है।
लहसुन की फसल में दूसरा खाद (Second fertilizer schedule for garlic)
लहसुन की फसल के विकास के 25 से 30 दिन बाद दूसरी खाद डालने की आवश्यकता होती है। इस समय पौधे अपनी वृद्धि के प्रारंभिक चरण में होते हैं, और उन्हें नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है।
- नाइट्रोजन (N) का दूसरा डोज: लहसुन की फसल में दूसरी बार नाइट्रोजन देने का यह सबसे उपयुक्त समय है। प्रति एकड़ लगभग 30-40 किग्रा नाइट्रोजन (यूरिया) का उपयोग किया जाता है। यूरिया को हल्की सिंचाई के बाद खेत में समान रूप से छिड़काव किया जा सकता है।
- पोटाश (K): लहसुन की फसल में डीएपी खाद का उपयोग 20-25 किलोग्राम प्रति एकड़ अनुसार करें इसके उपयोग से लहसुन के पौधों का तना मोटा और मजबूत होता है ।
- जिंक और आयरन: इस समय पर जिंक और आयरन की भी आवश्यकता होती है। अगर पौधे में जिंक की कमी दिखाई दे रही हो, तो 0.5% जिंक सल्फेट का छिड़काव किया जा सकता है। आयरन की कमी को दूर करने के लिए भी आयरन सल्फेट का छिड़काव करना उपयोगी होता है।
- खाद के साथ सिंचाई का महत्व: खाद के साथ उचित सिंचाई करने से पोषक तत्व मिट्टी में सही तरीके से घुलते हैं और पौधों को मिलते हैं। 25 से 30 दिनों के दौरान दी गई खाद और सिंचाई फसल की तेजी से वृद्धि में सहायक होती है।
लहसुन की फसल में तीसरा खाद (Third Fertilizer Schedule for Garlic)
लहसुन की फसल के 55 से 60 दिन की अवस्था में पौधे अपने विकास के मध्य चरण में होते हैं। इस समय पौधे में कंदों का विकास होता है, जिसके लिए उन्हें नाइट्रोजन, पोटाश, और सल्फर जैसे पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है।
- नाइट्रोजन और पोटाश का तीसरा डोज: इस चरण में नाइट्रोजन और पोटाश की अंतिम मात्रा दी जाती है। प्रति एकड़ 20-25 किग्रा नाइट्रोजन (यूरिया खाद) और 20-30 किग्रा पोटाश (डीएपी खाद) का उपयोग किया जा सकता है। इससे कंदों का आकार और गुणवत्ता बेहतर होती है।
- सल्फर का उपयोग: सल्फर का उपयोग इस समय विशेष रूप से लाभदायक होता है, क्योंकि यह लहसुन की गुणवत्ता और स्वाद को सुधारने में मदद करता है। प्रति एकड़ 8-10 किग्रा सल्फर देना उचित होता है।
- खाद के साथ सिंचाई: इस समय की खाद के बाद हल्की सिंचाई करना आवश्यक होता है। इससे उर्वरक मिट्टी में घुलकर पौधों की जड़ों तक पहुंचते हैं, और पौधों को पोषक तत्व बेहतर तरीके से मिलते हैं।
लहसुन में लास्ट स्टेज में कौनसा खाद डाले (Last stage of fertilization for garlic crop)
लहसुन की फसल की अंतिम अवस्था में (70-80 दिन के बाद) पौधों को कंदों के विकास के लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बनाए रखने के लिए कुछ खादों का छिड़काव किया जा सकता है।
- कैल्शियम और मैग्नीशियम: अंतिम अवस्था में पौधों में कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी होने की संभावना होती है, जिससे कंदों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इसके लिए प्रति एकड़ 5-10 किग्रा कैल्शियम और मैग्नीशियम सल्फेट का छिड़काव किया जा सकता है।
- पोटाश का अंतिम डोज: अगर फसल में पोटाश की कमी दिखाई दे रही हो, तो फसल की अंतिम अवस्था में 10-15 किग्रा पोटाश का छिड़काव किया जा सकता है। इससे कंदों की परिपक्वता में सुधार होगा और फसल की गुणवत्ता बेहतर होगी।
- सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग: अगर पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो, तो इस समय पर बोरॉन और अन्य सूक्ष्म तत्वों का फोलियर स्प्रे किया जा सकता है। यह कंदों के विकास में मदद करता है और पैदावार को बढ़ाने में सहायक होता है।
लहसुन में एनपीके खाद की मात्रा (Best NPK Fertilizer for Garlic Crop)
लहसुन की फसल अवस्था अनुसार खाद | खाद का नाम | NPK उपयोग मात्रा |
लहसुन में बेसल डोज खाद | एनपीके 8:21:21 खाद | 60 किलो प्रति एकड़ |
डीएपी खाद | 30 किलो प्रति एकड़ | |
ग्रोमोर सल्फामैक्स खाद | 10 किलो प्रति एकड़ | |
लहसुन की 30 दिन की अवस्था में खाद | एनपीके 12:32:16 खाद | 50 किलो प्रति एकड़ |
यूरिया खाद | 40 किलो प्रति एकड़ | |
इफको सागरिका खाद | 10 किलो प्रति एकड़ | |
लहसुन की 65 दिन की अवस्था में खाद | एनपीके 10:26:26 खाद | 60 किलो प्रति एकड़ |
महाधन टोटल (स्पेशल कॉम्बी पैक) | 30 किलो प्रति एकड़ | |
यूरिया खाद | 20 किलो प्रति एकड़ |
सारांश:
लहसुन की फसल में खाद और उर्वरक प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उचित पोषक तत्वों की आपूर्ति से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होता है। लहसुन की खेती में तीन मुख्य खाद प्रबंधन चरण होते हैं—बेसल डोज, 25-30 दिन बाद का खाद, और 55-60 दिन बाद का खाद। इसके अलावा, फसल की अंतिम अवस्था में भी कुछ पोषक तत्वों का उपयोग किया जा सकता है। खाद और उर्वरकों के सही उपयोग से लहसुन की फसल का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होगा।
आशा करते है की (Farmer Phone Company) के माध्यम से इस कृषि ब्लॉग में दी गई जानकारी (Best Garlic Fertilizer Schedule)प्रति एकड़ खाद और उर्वरक प्रबंधन की योजना बनाकर किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। लहसुन की फसल में पोषक तत्वों का सही अनुप्रयोग न केवल पैदावार बढ़ाता है बल्कि बाजार में अच्छे दाम पाने में भी मदद करता है।
अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न:
प्रश्न – लहसुन की फसल में जैविक खाद की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
उत्तर – प्रति एकड़ 8-10 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद उपयोग की जाती है।
प्रश्न – लहसुन की फसल में नाइट्रोजन की कितनी आवश्यकता होती है?
उत्तर – प्रति एकड़ लहसुन की फसल के लिए 80-100 किग्रा नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है।
प्रश्न – लहसुन के कंदों के विकास के लिए कौन सा पोषक तत्व जरूरी है?
उत्तर – फॉस्फोरस लहसुन के कंदों के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
प्रश्न – लहसुन की फसल में पोटाश का क्या उपयोग है?
उत्तर – पोटाश लहसुन के कंदों की गुणवत्ता और आकार को बढ़ाने में मदद करता है।
प्रश्न – लहसुन में दूसरी खाद कब दी जानी चाहिए?
उत्तर – लहसुन की फसल के 25-30 दिन बाद दूसरी बार खाद देना चाहिए।
प्रश्न – लहसुन में तीसरा कौन सा खाद दिया जाता है?
उत्तर – तीसरे चरण (55-60 दिन) में नाइट्रोजन और पोटाश की अंतिम मात्रा दी जाती है।
प्रश्न – लहसुन की अंतिम अवस्था में कौन सा खाद दिया जाना चाहिए?
उत्तर – अंतिम अवस्था में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव किया जा सकता है।
प्रश्न – लहसुन की फसल में NPK उर्वरक का सबसे अच्छा संयोजन क्या है?
उत्तर – लहसुन के लिए NPK 8:21:21 और 12:32:16 का संतुलन सबसे अच्छा माना जाता है।
प्रश्न – लहसुन में पहला खाद कब और कौनसा डाले?
उत्तर – बुवाई से पहले बेसल डोज में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलन डालें।
प्रश्न – लहसुन में पहले डोज में कौन-कौन से खाद डालें?
उत्तर – 80-100 किग्रा नाइट्रोजन, 40-50 किग्रा फॉस्फोरस, और 40-50 किग्रा पोटाश प्रति एकड़।
प्रश्न – लहसुन में पोटाश कब और कितना डालें?
उत्तर – 25-30 दिन बाद 20-30 किग्रा पोटाश डालें; कंदों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
प्रश्न – लहसुन में यूरिया खाद की मात्रा और उपयोग?
उत्तर – प्रति एकड़ 80-100 किग्रा यूरिया का उपयोग, फसल की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
प्रश्न – लहसुन में खाद कैसे डालें?
उत्तर – बेसल डोज से शुरू करें, और फिर 25-30 दिन बाद सिंचाई के साथ खाद का छिड़काव करें।
प्रश्न – लहसुन की ग्रोथ बढ़ाने के लिए क्या डालें?
उत्तर – नाइट्रोजन, पोटाश और जैविक खाद का उचित अनुप्रयोग फसल की वृद्धि में सहायक होता है।
प्रश्न – लहसुन के लिए जैविक खाद कैसे बनाएं?
उत्तर – सड़ी हुई गोबर की खाद, कम्पोस्ट, और नीम की खली का उपयोग करें।
प्रश्न – लहसुन में पीलापन कैसे दूर करें?
उत्तर – सल्फर और जिंक की कमी को दूर करने के लिए 0.5% जिंक सल्फेट और 19:19:१९ खाद का छिड़काव करें।
प्रश्न – लहसुन में कौन सी खाद डालनी चाहिए?
उत्तर – नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और जैविक खाद का सही मिश्रण।
प्रश्न – लहसुन के लिए कौन सी खाद का उपयोग करें?
उत्तर – एनपीके 8:21:21, यूरिया, और सल्फर खाद का उपयोग करें।
प्रश्न – लहसुन में यूरिया कितना देना चाहिए?
उत्तर – प्रति एकड़ 80-100 किग्रा यूरिया, जिसमें से आधा बेसल डोज में और आधा 25-30 दिन बाद।
प्रश्न – लहसुन के लिए जैविक खाद कैसे बनाएं?
उत्तर – गोबर की खाद, कम्पोस्ट, और हरी खाद का उपयोग करें।
प्रश्न – लहसुन के लिए कौन सा उर्वरक सबसे अच्छा है?
उत्तर – एनपीके 8:21:21 और यूरिया के साथ जैविक खाद।
प्रश्न – लहसुन में पोटाश कब देना चाहिए?
उत्तर – फसल के 25-30 दिन बाद और 55-60 दिन बाद, पोटाश देना फायदेमंद होता है।
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