Increase Tillering in Paddy Crop
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Increase Tillering in Paddy Crop: धान में कल्ले बढ़ाने की दवा और खाद, जानें सम्पूर्ण जानकारी

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कृषि ब्लॉग: फसल समस्या समाधान | Agriculture Blog in Hindi


Increase Tillering in Paddy Crop: धान में कल्ले बढ़ाने की दवा और खाद, जानें सम्पूर्ण जानकारी


आप का स्वागत है “Farmer Phone” वेबसाइड पर, दोस्तों, धान की फसल में कल्लों की संख्या बढ़ाने से फसल की पैदावार में वृद्धि होती है। यह किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक कल्लों का मतलब है अधिक धान का उत्पादन। धान के उत्तम उत्पादन की प्राप्ति के लिए सभी कामों को शुरू से लेकर अंत तक सावधानीपूर्वक किया जाता है, लेकिन इस मेहनत भरी प्रक्रिया के बावजूद, धान की फसल में कई बार कल्ले नहीं आते हैं।

Farmer Phone Company (Farmer Phone.com) के माध्यम से इस ब्लॉग में जानें (Increase Tillering in Paddy Crop) धान में कल्ले बढ़ाने की दवा और खाद की सम्पूर्ण जानकारी।


धान में ज्यादा फुटाव नहीं होने के प्रमुख कारण (Paddy Crop Branching)

धान की फसल में ज्यादा ब्रांचिंग और कल्लों के फुटाव नहीं होने के प्रमुख कारण निम्न है –

  1. फसल में नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश की कमी।
  2. बहुत अधिक या बहुत कम पानी होना।
  3. ज्यादा घनत्व में बुवाई या रोपाई करना।
  4. मिट्टी की उर्वरता और संरचना ठीक न होना।
  5. तना छेदक, ब्लास्ट और अन्य रोग और कीट की समस्या।
  6. सही समय पर बुवाई या रोपाई न करना।
  7. पौधों की जड़ों का उचित विकास न होना।
  8. पौधों में हार्मोनल असंतुलन होना।

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फसल में ज्यादा ब्रांचिंग के लिए करें यह कार्य | Paddy Cultivation Practices

  1. सही बीज का चयन- उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करना सबसे पहला कदम है। ऐसे बीज चुनें जो रोग प्रतिरोधक हों और उच्च उपज देने वाले हों। हाइब्रिड और उन्नत किस्मों का उपयोग कल्लों की संख्या बढ़ाने में सहायक होता है।
  2. बीज उपचार – बीज बोने से पहले उन्हें उपचारित करें। बीज उपचार से बीजों को फंगल और बैक्टीरियल रोगों से सुरक्षा मिलती है, जिससे बीजों की अंकुरण क्षमता और पौधों की प्रारंभिक वृद्धि में सुधार होता है।
  3. नर्सरी प्रबंधन – नर्सरी में पौधों की अच्छी तरह देखभाल करें। सही समय पर सिंचाई और निराई-गुड़ाई करें। नर्सरी में पौधों को उगाने के लिए उचित दूरी रखें ताकि पौधों को पर्याप्त पोषक तत्व और जगह मिल सके।
  4. खेत की तैयारी – खेत की अच्छी तरह से तैयारी करें। खेत की जुताई और समतलीकरण के बाद जल निकास की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उचित जल निकास से पौधों की जड़ें सड़ने से बचेंगी और उनकी वृद्धि में सुधार होगा।
  5. समय पर रोपाई – पौधों की रोपाई सही समय पर करें। धान की पौधों की रोपाई 25-30 दिनों के भीतर करनी चाहिए। अधिक पुरानी पौधों की रोपाई से कल्लों की संख्या कम हो सकती है।
  6. रोपाई की विधि – धान की पौधों को 20×10 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं। पौधों को गहराई में रोपें ताकि जड़ें अच्छी तरह से विकसित हो सकें। पौधों की सही दूरी रखने से उन्हें पर्याप्त पोषक तत्व और जगह मिलती है।
  7. संतुलित उर्वरक का प्रयोग: – संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें जैसे – नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश की उचित मात्रा देने से पौधों की वृद्धि में सुधार होता है और कल्लों की संख्या बढ़ती है। नाइट्रोजन का उपयोग विशेष रूप से कल्लों की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
  8. खरपतवार नियंत्रण – सही समय पर खरपतवारों का नियंत्रण करें। निराई-गुड़ाई करके और खरपतवारनाशी का उपयोग करके खरपतवारों को नष्ट करें। खरपतवारों के कारण पौधों को पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे कल्लों की संख्या कम हो जाती है।
  9. रोग और कीट नियंत्रण – धान की फसल में रोग और कीटों का समय पर नियंत्रण करें। फसलों को बचाने के लिए जैविक और रासायनिक उपायों का उपयोग करें। इससे पौधों की स्वास्थ्य और कल्लों की संख्या बढ़ेगी।

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धान में कौन सी दवा डालें | Paddy Crop Growth Tonic

धान की 20 से 25 दिन फसल अवस्था यह छिड़काव करें-

1. आईएफसी एनपीके 12:61:00 उर्वरक

  • प्रोडक्ट कंटेंट: नाइट्रोजन 12% और फॉस्फोरस 61%
  • उपयोग मात्रा: 750 ग्राम प्रति एकड़

2. पीआई बायोविटा टॉनिक

  • प्रोडक्ट कंटेंट: समुद्री शैवाल अर्क
  • उपयोग मात्रा: 300 मिली प्रति एकड़

3. सिंजेंटा अलिका कीटनाशक

  • प्रोडक्ट कंटेंट: थियामेथोक्सम 12.5% + लैम्ब्डा-साइहेलोट्रिन 9.5% ZC
  • उपयोग मात्रा: 80 मिली प्रति एकड़

4. धानुका M-45 फफूंदनाशी

  • प्रोडक्ट कंटेंट: मैन्कोजेब 75% डब्लूपी
  • उपयोग मात्रा: 400 ग्राम प्रति एकड़

नोट: बताये गए सभी प्रोडक्ट को एक साथ मिक्स करके फसल पर छिड़काव करें।

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धान में कौन सा खाद डालें | Paddy Crop Fertilizer Management

धान की 30 से 35 दिन की फसल अवस्था में उपयोग करें यह खाद-

  1. यूरिया – 50 किलो/एकड़ 
  2. डीएपी – 30 किलो/एकड़
  3. एफएमसी फरटेरा कीटनाशक – 4 किलो/एकड़
  4. महाधन जिंक सल्फेट – 5 किलो/एकड़

नोट – इन सभी खादों को प्रति एकड़ अनुसार एक साथ मिलाकर फसल में भुरकाव करें।
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सारांश:

दोस्तों, “Farmer Phone” के माध्यम से आप दी गई जानकरी जैसे – धान की फसल में कल्लों की संख्या बढ़ाने के लिए (How to increase tillering in paddy) सही तकनीक और प्रबंधन का उपयोग करना बहुत जरूरी है। उपयुक्त किस्म का चयन, बीज उपचार, उचित सिंचाई, उर्वरकों का सही उपयोग, खरपतवार और कीट नियंत्रण जैसे उपाय अपनाकर किसान अपनी धान की फसल में अधिक कल्लों की संख्या प्राप्त कर सकते हैं और फसल की पैदावार में वृद्धि कर सकते हैं। इस जानकारी का पालन करके आप अपनी धान की फसल को अधिक उत्पादक और लाभकारी बना सकते हैं।


अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न:

प्रश्न – धान में कल्ले क्यों नहीं आते हैं?
उत्तर – नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश की कमी, साथ ही पानी की अनुचित मात्रा, कल्ले न आने के मुख्य कारण हो सकते हैं।

प्रश्न – धान में कल्ले बढ़ाने के लिए कौन सा खाद उपयोगी है?
उत्तर – संतुलित उर्वरक जैसे यूरिया, डीएपी, और जिंक सल्फेट का उपयोग कल्ले बढ़ाने में सहायक होता है।

प्रश्न – धान में कल्लों की संख्या क्यों कम होती है?
उत्तर – पानी की कमी या अधिकता, उर्वरकों की कमी, और रोपाई में गलतियां प्रमुख कारण हैं।

प्रश्न – धान की फसल में अच्छे कल्ले पाने के लिए कौन सी दवा उपयोगी है?
उत्तर – आईएफसी एनपीके 12:61:00 और पीआई बायोविटा टॉनिक का उपयोग करें।

प्रश्न – धान की पौधों की रोपाई के लिए सही दूरी क्या होनी चाहिए?
उत्तर – पौधों को 20×10 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं।

प्रश्न – धान में कल्लों की संख्या बढ़ाने के लिए कौन सा कीटनाशक उपयोग करें?
उत्तर – सिंजेंटा अलिका कीटनाशक (थियामेथोक्सम 12.5% + लैम्ब्डा-साइहेलोट्रिन 9.5% ZC) उपयोग करें।

प्रश्न – धान की फसल में कल्लों की संख्या बढ़ाने के लिए किस प्रकार का उर्वरक प्रयोग करें?
उत्तर – यूरिया, डीएपी, एफएमसी फरटेरा और महाधन जिंक सल्फेट का मिश्रण उपयोग करें।


Author

Durgaprasad Kewte


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